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BABA HARIRAM KI JANM STHALI

Posted on October 25, 2021October 25, 2021 By Pradeep Sharma

बाबा हरिराम की जन्‍म स्‍थली

जिला मुख्‍यालय से 30 कि.मी. उतर में स्थित झोरड़ा गांव बाबा हरिराम की जन्‍म स्‍थली है। यह गांव विक्रम संवत 1695 में अमरसिंह राठौर ने सुन्‍दरदास चारण को जागीर में दिया था। बाबा हरीराम का जन्‍म विक्रम संवत 1959 तथा परलोक गमण विक्रम संवत 2000 में हुआ। दाधीच ब्राह्मण परिवार में जन्‍में बाबा आजीवन ब्रह्मचारी रहे वे मात्र झाड़ा लगाकर सांप बिच्‍छू के दंश का जहर उतार देते थे। प्रति वर्ष भाद्रपद की चतुर्थी व पंचमी को गांव में मेला भरता हैं, जिसमें डेढ़ लाख लोग राजस्‍थान, उतरप्रदेश, हरियाणा, दिल्‍ली तथा पंजाब से आते है। राजस्‍थानी के लोकप्रिय कवि कानदान कल्पित इसी गांव के है, जिन्‍होने अपने गांव की वन्‍दना इस प्रकार करी है। मखमल बालू रेत, रमें हरीराम जठे, मरूधर म्‍हारो देश, झोरड़ो गांव जठे।

इनके पिता का नाम राय नारायण व माता का नाम चंदणी देवी था । हरिराम बाबा सर्पदंश का इलाज करते थे । सुजानगढ़-नगौर मार्ग पर झोरड़ा (नागौर) गाँव में हरिराम जी का मंदिर है । हरिराम जी के मंदिर में साँप की बांबी एवं बाबा के प्रतीक के रूप में चरण कमल है । सांप काटने एवं अन्य रोगों पर इनके नाम की तांती बांधने अथवा भस्म लगाने की परम्परा चली आ रही है झौरड़ा गाँव में प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल चौथ तथा भाद्रपद शुक्ल पंचम को दो बड़े मेले लगते है ।

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