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THE HOLY TOUR & TRAVEL OF TEMPLES IN INDIA

SANGAMESHWAR MAHADEV MANDIR UJJAIN

Posted on July 26, 2021July 30, 2021 By Pradeep Sharma

संगमेश्वर महादेव मंदिर की कहानी

बहुत पुरानी बात है। कलिंग देश में सुबाहू नाम के राजा हुआ करते थे। उनकी पत्नी दृढधन्वा (कांचीपुरी के राजा) की कन्या विशालाक्षी नाम की थी। दोनो परस्पर प्रेम से रहते थे। राजा को माथे मे दोपहर में रोज पीडा हुआ करती थी। निपुण वैद्यों ने ओषधियां दी किन्तु पीडा दूर नही हुई। रानी ने राजा से पीडा का कारण पूछा। राजा ने रानी को दुखी देखकर कहा, पूर्व जन्म में कर्म से शरीर को सुख-दुख हुआ करता है। इतना सुनने के बाद भी रानी संतुष्ट नही हुई। तब राजा ने कहां में इसका कारण यहां नही कहूंगा। महाकाल वन मे चलों वहां पूरी बात समझा सकूंगा। सुबह होते ही राजा सेना ओर रानी के साथ महाकाल वन अंवतिका नगरी की ओर चल दिए। पाताल में गमन करने वाली गंगा तथा नीलगंगा ओर क्षिप्रा इनका जहां संगम हुआ है वहां ठहरा ओर इनके पास जो महादेव है उनका नाम संगमेश्वर है। राजा ने क्षिप्रा तथा पाताल गंगा का जल लेकर महादेव का पूजन किया। इतना सब देखकर रानी ने फिर पूछा राजन अपने दुख का कारण बताइए। राजा ने हंसते हुए कहा रानी आज तो थक गए है कल बताएगें। सुबह रानी ने फिर पूछा कि अब तो बता दीजीए। तब राजा ने कहा पूर्व जन्म में में नीच शुद्र था। वेदों की निंदा करने के साथ लोगो के साथ विश्वासघात करता था। तुम भी मेरे साथ इस कार्य में भागीदारी निभाती थी। हमसे जो पुत्र उत्पन्न हुआ वह भी पापी हुआ तथा बारह वर्ष तक अनावृष्टि के कारण प्राणी मात्र दुखी हो गए भयभीत रहने लगा। उस समय मुझे वियोग हो गया। मै अकेला रहने लगा। तब मुझे वैराग्य प्राप्त हुआ ओर अंत मे मैने कहा धर्म ही श्रेष्ठ है, पाप करना बुरा है। मैने अंत समय में धर्म की प्रशंसा की थी इसलिए क्षिप्रा जी में मत्स्य बना ओर तुम उसी वन में श्येनी (कबूतनी) बन गई। एक दिन दोपहर को अश्लेषा के सूर्य (श्रावण) में त्रिवेणी से बाहर निकला ओर तुम्हे लेकर संगमेश्वर के पास ले गया। पारधि ने हम दोनो का शिकार कर लिया। हमने अंत समय में संगमेश्वर के दर्शन किये थे, इसलिए पृथ्वी पर जन्म मिला है। सारी बाते बताकर राजा ने कहा रानी अब मै हमेशा संगमेश्वर महादेव के पास रहुगा। रानी यदि तुम्हे जाना हो तो पुनः राजमहल लौट जाओं । रानी ने कहा राजन जैसे शिव बिना पार्वती, कृष्ण बिना राधा ठीक उसी प्राकर में आपके बिना अधूरी हूं। मान्यता है कि पूर्व जन्मों में वियोग से मरे हुए पति पत्नी संगमेश्वर महादेव के दर्शन से मिल जाते है।

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