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THE HOLY TOUR & TRAVEL OF TEMPLES IN INDIA

SHREE PUSHPDANTESHWAR MANDIR STORY, UJAAIN

Posted on July 26, 2021July 30, 2021 By Pradeep Sharma

श्री पुष्पदन्तेश्वर महादेव, मंदिर की कहानी –

काफी समय पहले एक ब्राम्हण था तिमि। उसके कोई पुत्र नहीं था। उसने कई प्रकार से भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की । शिव के प्रसन्न न होने पर उसने और भी अधिक कठोर तप प्रांरभ कर दिया, इस प्राकर बारह वर्ष बीत गए। एक दिन माता पार्वती ने भगवान शंकर को कहा कि यह तिमि नामक ब्राम्हण कई वर्षो से आपकी आराधना कर रहा है। उसके तेज से पर्वत प्रकाशमान है ओर समुद्र सूख रहा है। आप उसकी कामना की पूर्ति करें। पार्वती की बात मानकर शिव ने अपने गणो को बुलया ओर कहा कि तुम मे से कोई एक ब्राम्हण के यहां पुत्र रूप में जन्म लो। इस पर शिव के एक गण पुष्पदंत ने कहा कि प्रभु कहां पृथ्वी पर जन्म लेकर दुख भोगेगे हम आपके पास कुशल से है। शिव ने क्रोध में कहा कि तुमने मेरी आज्ञा नहीं मानी अब तुम पृथ्वी जाओं। शिव के श्राप के कारण पुष्पदंत पृथ्वी पर गिर पड़ा। शिव ने दूसरे गण वीरक से का वीरक तुम ब्राम्हण के घर जन्म लो, मै तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करूगा। पुत्र पाकर ब्राम्हण प्रसन्न हुआ। दूसरी ओर पुष्पदंत रूदन करेन लगा ओर कहा कि उसने शिव की आज्ञा नहीं मानी। तब पार्वती ले उससे कहां कि पुष्पदंत तुम महाकाल वन के उत्तर में महादेव है उकना पूजन करों। शिव ने भी पुप्पदंत को शिवलिंग की उपासना करने की आज्ञा दी। पुष्पदंत महाकाल वन गया ओर वहां शिवलिंग के दर्शन कर पूजन किया। उसके पूजन से शिव प्रसन्न हुए ओर अपनी गोद में बैठाया। उसे उत्तम स्थान दिया। पुष्पदंत के पूजन करने के कारण शिवलिंग पुष्पदंतेश्वर के नाम से विख्यात हुआ। मान्यता है कि जो भी मनुष्य पुष्पदंतेश्वर के दर्शन करेगा उसके कुल में सात कुलो का उद्धार होगा ओर अंतकाल में शिवलोक को प्राप्त करेगा।

मंदिर Tags:#holy temple #shiva temple #shiv mandir # ujjain ke 84 mahadev

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